बुद्धिमान लोग को भी नहीं पता चीनी और मिश्री में फर्क, जानिए सेहत के लिए क्यों अच्छी होती है मिश्री

डायबिटीज भारत और पूरी दुनिया में बढ़ रही है, इसलिए लोग शक्कर या चीनी जैसे मिठे पदार्थों की तलाश में हैं। उन्हें यह भी जानना है कि इस समय में मिठा खाना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए या फिर चीनी का कोई दूसरा विकल्प है।

कुछ लोग मिश्री को चीनी का बदला मानते हैं। कुछ लोग तो सिर्फ मिश्री का सेवन करने की सलाह देते हैं। चीनी और मिश्री दोनों ही मीठास प्रदान करते हैं, लेकिन उनमें कुछ अंतर होता है।

बहुत से लोग नहीं जानते कि मिश्री में कई प्रकार हो सकते हैं, लेकिन उनमें से दो प्रमुख प्रकार होते हैं। एक प्रकार की मिश्री क्रिस्टल के आकार की होती है और उसमें धागे जुड़ी होती हैं। इसे धागे वाली मिश्री भी कहा जाता है और इसे असली मिश्री भी कहा जाता है।

चीनी को मिश्री से अलग करने का सबसे सामान्य तरीका है कि चीनी मिल में मिलती है जबकि मिश्री बारीक दानेदार होती है। आजकल इसे चाय, पेय, मिठाई आदि में मिलाया जाता है और चीनी घर में हर किसी के उपयोग की जाती है।

अब मिश्री सिर्फ त्योहार और पूजा-पाठ जैसे खास मौकों पर ही बनती है। इसका बहुत सारा आयुर्वेदिक उपयोग है और लोग आजकल इसे घरेलू उपचार के रूप में भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

गन्ना चीनी या शक्कर बनाने के लिए विशिष्ट मशीन का उपयोग किया जाता है, जिसमें विभिन्न रसायनों की मदद से गन्ने का रस तैयार किया जाता है। चीनी तो इसी प्रकार मिल या फैक्ट्री में तैयार हो सकती है, जबकि इन रसायनों की मदद से गन्ने का रस हरा हो जाता है और तैयार चीनी सफेद हो जाती है। अंत में, इसे छोटे घनों में बनाया जाता है ताकि इसे आसानी से फुटकर बेचा जा सके।

गन्ने का रस वाष्पीकरण से बना शुगर सिरप पानी में मिलाकर क्रिस्टलीकृत किया जाता है, और यह ठंडा हो जाता है। इस प्रक्रिया में कोई केमिकल नहीं प्रयोग किया जाता, इसलिए यह चीनी से बेहतर मानी जाती है।

मिश्री बनाने में बहुत मेहनत लगती है, लेकिन चीनी बनाना मशीनों से आसान होता है। चीनी मिश्री की तुलना में सस्ती में भी है। मिश्री में रसायन नहीं होते, इसलिए यह चीनी से बेहतर है। चीनी खाने से रक्तचाप बढ़ता है, मिश्री खाने से खून में शुगर कम नहीं होता और विटामिन और मिनिरल भी मिलते हैं।

मिश्री कई घरेलू उपचारों में उपयोगी है। इसे सौंफ, इलायची, मक्खन, दूध, आंवला आदि के साथ खाने से अलग-अलग लाभ मिलते हैं। बहुतायत में मिश्री से खांसी भी ठीक हो सकती है।

चीनी शुगर को बढ़ाती है, लेकिन डायबिटीज में मदद नहीं करती, और वजन बढ़ाने में भी कम योगदान देती है।

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