बोकारो में विकास का लगेगा पंख, टेक्निकल हब के रूप में होगा विकशित

बोकारो को लेकर हैं कई योजनाएं

बोकारो, संजू पाटिल : बोकारो जिले को उद्योगिक नगर कहा जाता है क्योंकि यहां विभिन्न उद्योगों की वजह से सेल, कोल इंडिया, डीवीसी, ओएनजीसी पीएसयू जैसी कंपनियों की भरमार है। बोकारो में वेदांता इलेक्ट्रोस्टील प्लांट, ओएनजीसी और बालीडीह में डालमिया सीमेंट फैक्ट्री, बीपीएससीएल का बॉटलिंग प्लांट हैं। झारखंड राज्य के निर्माण के बाद से ही इनकी स्थापना हुई है। लेकिन बोकारो का विकास यहीं रुकने वाला नहीं है। आने वाले समय में बोकारो के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू होने वाली हैं। इस विकास के साथ ही बोकारो को आइटी हब और टेक्निकल हब के रूप में भी मान्यता प्राप्त होगी।

बोकारो को लेकर हैं कई योजनाएं

बोकारो जिले के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के पास कई योजनाएं हैं। इनमें से कुछ हैं:

  1. टेक्नोलॉजी सेंटर: बेरमो अनुमंडल के जरीडीह प्रखंड में टेक्नोलॉजी सेंटर और टूल्स रूम बनाने की योजना है जिसकी लागत 200 करोड़ रुपये है।
  2. इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी: झारखंड सरकार द्वारा बोकारो को इलेक्ट्रिक वाहन प्रोमोशन में ध्यान दिया गया है।
  3. पनबिजली परियोजना: डीवीसी द्वारा लुगू पहाड़ी पर पनबिजली परियोजना के लिए सर्वे काम भी किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि बोकारो के विकास में औद्योगिक विकास के अच्छे मौके हैं। यहां आने वाले सालों में सॉफ्टवेयर पार्क की योजना को धरातल पर उतारा जाएगा, जिसकी लागत लगभग 20 करोड़ रुपये होगी।

इस साल के आखिर तक बिजली समस्या का होगा समाधान

बोकारो जिले में चार पावर प्लांट हैं: चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन, बोकारो थर्मल पावर स्टेशन, तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन और बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्लांट। जैनामोड़ और बरमसिया में पावर ग्रिड बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसका मतलब है कि वर्ष के अंत तक बिजली वितरण की शुरुआत हो सकती है। हमें उम्मीद है कि चास-बोकारो सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या का निदान इन दो पावरग्रिड के माध्यम से होगा।

NIT Jamshedpur placement ?

Jamshedpur News : एनआईटी जमशेदपुर की 37 शोध परियोजनाओं के लिए 5.60 करोड़ स्वीकृत

भारत माला प्रोजेक्ट से बदलेगी तस्वीर

उधर, तलगड़िया-तुपकाड़ीह रेल खंड में स्टेशन का निर्माण कार्य जारी है। राज्य सरकार के बाद से बोकारो में स्पष्ट रूप से सड़कों के मामले में विकास दिख रहा है। रामगढ़-बोकारो NH-23 और चास-गोविंदपुर NH-32 के चारलेन बनने से विकास की गति तेज हुई है। इसके अलावा, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत बोकारो को शामिल किया गया है। इससे निश्चित रूप से बोकारो की तस्वीर बदलेगी।

पर्यावरण का भी रखा जायेगा ध्यान

गरगा नदी में चास-बोकारो को जोड़ने के लिए पुल का जाल भी बिछा गया है। चंद्रपुरा-बोकारो सड़क का निर्माण हुआ है, भंडारीदह से तांतरी तक सीधी सड़क बनी है और झुमरा व ऊपरघाट क्षेत्र में सड़क का नेटवर्क बिछा है। दामोदर और गरगा नदी के किनारे स्थित नगर निगम और नगर परिषद में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना है।

1 thought on “बोकारो में विकास का लगेगा पंख, टेक्निकल हब के रूप में होगा विकशित”

Leave a Comment